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नए साल से पहले महिलाओं के बैंक खाते में आएंगे 4000 रूपए, खुशी से झूम उठी महिलाएं.

हर साल की शुरुआत में सरकार नए साल पर अपने नागरिकों के लिए नई योजनाओं का ऐलान करती है जिनसे उन्हें आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाया जा सके.

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small savings schemes: हर साल की शुरुआत में सरकार नए साल पर अपने नागरिकों के लिए नई योजनाओं का ऐलान करती है जिनसे उन्हें आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाया जा सके. 2024 में सरकार ने महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण योजना की घोषणा की है जिसका नाम है "सखी योजना". हालांकि यह योजना पहले से ही देशभर में लागू हो चुकी है लेकिन इसकी सफलता को लेकर लोगों में जानकारी की कमी है. इस योजना के माध्यम से देशभर की 30,000 से अधिक महिलाएं आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ा सकती हैं.

सखी योजना से महिलाओं को मिलेगा 4000 रुपए का गिफ्ट

भारत सरकार ने सखी योजना के तहत देशभर में महिलाओं को 4000-4000 रुपए की सहायता देने का निर्णय लिया है. यह राशि सीधे उनके खातों में ट्रांसफर की जाएगी. जो महिलाएं पहले से इस योजना से जुड़ी हुई हैं, उनके लिए यह एक शानदार न्यू ईयर गिफ्ट है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस योजना के तहत कुल 30,000 से अधिक महिलाएं लाभ उठा रही हैं. ये महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप (self help group) के माध्यम से बैंकिंग सेवाएं प्रदान कर रही हैं और अपनी छोटी-मोटी आय को बढ़ाने में सफल हो रही हैं.

कमीशन का प्रावधान

सिर्फ वेतन ही नहीं, बल्कि सखी योजना से जुड़ी महिलाएं अतिरिक्त आय के रूप में कमीशन भी कमा सकती हैं. योजना के तहत, सरकार ने यह प्रावधान रखा है कि बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेन्ट्स (business correspondents) को न केवल हर महीने एक निश्चित वेतन मिलेगा, बल्कि वे कमीशन के रूप में अतिरिक्त राशि भी प्राप्त कर सकती हैं. इस योजना से महिलाएं हर महीने 10,000 रुपए से ज्यादा कमा सकती हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें घर से बाहर निकलकर काम करने की आवश्यकता होगी.

सखी योजना 

भारत सरकार ने सखी योजना की शुरुआत खासतौर पर महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के उद्देश्य से की थी. इस योजना के तहत, सरकार का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और अर्द्धशहरी इलाकों में बैंकिंग सेवाओं को पहुंचाना है. इसके अलावा, महिलाओं को प्रशिक्षित करने का भी प्रावधान है ताकि वे दूसरों को भी बैंकिंग सुविधाएं मिल सकें.

इस योजना के तहत सखी के रूप में काम करने वाली महिलाओं को हर महीने मानदेय के रूप में 4000 रुपए की राशि दी जाएगी. इसके अलावा, सरकार ने योजना में यह भी सुनिश्चित किया है कि महिलाएं सखी के तौर पर काम करके कुछ कमीशन भी कमा सकती हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस योजना का लक्ष्य लगभग 60,000 महिलाओं को रोजगार देने का है जबकि फिलहाल 30,000 महिलाएं इस योजना से जुड़ी हुई हैं और काम कर रही हैं.

क्या है सखी स्कीम?

सखी स्कीम दरअसल, एक सरकारी योजना है जो महिलाओं को बैंकिंग क्षेत्र में रोजगार देने के उद्देश्य से शुरू की गई है. इस योजना के तहत, चयनित महिलाएं बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेन्ट (business correspondent) के तौर पर काम करती हैं और अपने गांव या क्षेत्र में बैंकिंग सेवाओं को पहुंचाती हैं. साथ ही उन्हें अन्य महिलाओं को भी बैंकिंग सेवाएं देने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. इसके बदले में सरकार उन्हें मानदेय के रूप में 4000 रुपए प्रति माह देती है.

यह योजना खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के लिए है जहां बैंकिंग सेवाओं की कमी अक्सर एक बड़ी समस्या बनती है. इस योजना के माध्यम से महिलाएं ना केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनती हैं बल्कि वे समाज में अपनी भूमिका को भी मजबूत करती हैं.

सखी योजना के माध्यम से रोजगार के अवसर

सखी योजना महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर मिलते है. योजना के तहत काम करने वाली महिलाएं न केवल अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकती हैं बल्कि वे खुद को समाज में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में स्थापित भी कर सकती हैं. इस योजना से जुड़ने के बाद महिलाएं न सिर्फ बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठाती हैं बल्कि वे दूसरों को भी यह सेवाएं देती हैं जो उनके लिए एक स्थिर रोजगार का अवसर बनता है.

समाज में सखी योजना का महत्व

सखी योजना का सामाजिक महत्व भी बहुत अधिक है. यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने के साथ-साथ उन्हें समाज में एक सशक्त स्थान दिलाने में मदद करती है. इस योजना के तहत, महिलाएं न केवल खुद को सशक्त बना रही हैं, बल्कि वे अपने परिवार और समुदाय के लिए भी एक सकारात्मक बदलाव ला रही हैं.

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