बच्चे बड़े ही चंचल, नटखट और जिज्ञासु होते हैं। उन्हें हर चीज के बारे में जानने की उत्सुकता होती है। उन्हें खेलना कूदना भी पसंद होता है। उनके लिए हर चीज एक खिलौना होती है। इसलिए वह घर और आसपास मौजूद चीजों को खिलौना समझकर खेलने लगते हैं। लेकिन हर चीज बच्चों के खेलने के लिए सही नहीं होती है। उन पर यदि नजर न रखी जाए तो कुछ चीजें उन्हें नुकसान भी पहुंचा सकती है। वे खेल खेल में मुसीबत में पड़ सकते हैं। यहां तक कि उनकी जान पर भी बन सकती है। अब उत्तर प्रदेश के आगरा का यह अनोखा मामला ही ले लीजिए।
दरअसल आगरा के लोहामंडी में एक डेढ़ साल के बच्चे का सिर कुकर में फंस बुरी तरह फंस गया। ऐसा तब हुआ जब वह घर में कुकर से खेल रहा था। खेल खेल में ही बच्चे ने अपना सिर कुकर में घुसा लिया। उसका सिर इस कुकर में ऐसा फंसा कि बाहर निकलने का नाम ही नहीं लिया। देखते ही देखते बच्चे को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। वह रोने गाने लगा। यह देख परिजन घबरा गए। पहले उन्होंने अपने लेवल पर बच्ची के सिर से कुकर निकालने की कोशिश की। लेकिन जब सफलता नहीं मिली तो वे आनन फानन में बच्चे को लेकर अस्पताल भागे।
परिजन बच्चे को पास के ही एसएम चेरीटेबिल अस्पताल लेकर गए। यहां बच्चे की स्थिति देख सर्जन डॉ. फरहत खान और अन्य डाक्टरों ने उसे तुरंत ऑपरेशन थिएटर में ले जाने का फैसला किया। हालांकि इस ऑपरेशन थिएटर में डाक्टरों की टीम के अलावा एक मेकेनिक भी था। उसे भी इस ऑपरेशन के लिए पास से बुलाया गया था। मेकेनिक ने डॉक्टर्स के साथ मिलकर बड़ी सावधानी से कटर मशीन से ऑपरेशन थिएटर में बच्चे के सिर में फंसा कुकर काटा। बच्चा इस दौरान बहुत रो रहा था और हिल भी रहा था। इसके चलते कुकर काटने में पूरे दो घंटे लग गए। बच्चा कोसीकलां निवासी सुमायला का है।
जब कटर मशीन से कुकर कट गया तो डाक्टरों ने बच्चे को आधे घंटे के लिए अस्पताल में रखा। इस दौरान बच्चे को ऑक्सीजन भी दी गई। जब उन्हें यकीन हो गया कि बच्चा पूरी तरह से सेहतमंद है तो उसे डिस्चार्ज भी कर दिया गया। अब यह घटना पूरे सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। हर कोई डाक्टरों की टीम को इस सफल ऑपरेशन के लिए बधाई दे रहा है। वहीं कुछ लोग माता पिता को बच्चे का ख्याल रखने की नसीहत भी दे रहे हैं।
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बताते चलें कि इसके पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जब बच्चों ने खेल खेल में खुद को बड़ी मुसीबत में डाल लिया। कई बार तो इस चक्कर में उनकी जान तक चली जाती है। ऐसे में यह माता पिता की जिम्मेदारी होती है कि वह बच्चे पर 24 घंटे पैनी नजर रखे। साथ ही अपने आसपास ऐसी चीजों को दूर रखें जिससे बच्चा खुद को नुकसान पहुंचा सकता है। आपकी एक छोटी सी गलती बच्चे के लिए भारी पड़ सकती है।
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