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लड़की का नहीं था प्राइवेट पार्ट, मुंबई के डॉक्टरों ने रोबोटिक सर्जरी से रिकंस्ट्रक कर दी वजाइना

हर इंसान के अंदर एक प्राइवेट पार्ट होता है। यह हमारे शरीर का एक अहम अंग होता है। इसके बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। पुरुषों में प्राइवेट पार्ट का काम यूरिन और स्पर्म बाहर निकालना होता है। वहीं महिलाओं में ये यूरिन और मासिक धर्म का रक्त बाहर निकालता है।

लेकिन हाल ही में मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल में एक ऐसी महिला सामने आई जिसे कभी मासिक धर्म ही नहीं आते थे। जब डॉक्टरों ने उसकी जांच की तो पाया कि उसका प्राइवेट पार्ट ठीक से विकसित नहीं है। ऐसे में डॉक्टरों ने महिला की वजाइना का रिकंस्ट्रक्शन ही कर दिया। चलिए इस अनोखी और दिलचस्प खबर को और विस्तार से जानते हैं।

रोबोटिक सर्जरी से रिकंस्ट्रक किया वजाइना

Robotic Surgery

रोबोटिक सर्जरी (Robotic Surgery) शब्द आपको सुनने में भले थोड़ा अजीब लगे, लेकिन ये किसी चमत्कार से कम नहीं होता है। हाल ही में कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल और मेडिकल रिसर्च के डॉक्टरों की टीम ने रोबोटिक सर्जरी के माध्यम से एक महिला के वजाइना का रिकंस्ट्रक्शन किया है।

दरअसल एक महिला मेयर-रोकिटांस्की-कुस्टरहॉसर (Mayer Rokitansky KusterHauser Syndrome) (MRKH) सिंड्रोम नाम की दुर्लभ बीमारी से ग्रसित थी। ऐसे में रोबोटिक सर्जरी से 22 वर्षीय इस महिला का इलाज किया गया।

क्या होता है मेयर-रोकिटांस्की-कुस्टरहॉसर सिंड्रोम?

मेयर-रोकिटांस्की-कुस्टरहॉसर सिंड्रोम को आसान भाषा में समझाएं तो इसमें प्राइवेट पार्ट ठीक से विकसित नहीं होता है। महिलाओं में यह सिंड्रोम होने पर उनका जननांग और यूट्रस अविकसित रह जाता है। हालांकि उनका बाहरी जननांग सामान्य रहता है। ऐसे सिंड्रोम 5000 में से एक महिला को होते हैं। यह होने पर महिलाओं को मासिक धर्म भी नहीं होते हैं। यह इस सिंड्रोम का सबसे बड़ा संकेत है।

इस संकेत से पहचाने बीमारी

कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल और मेडिकल रिसर्च के डॉक्टर संजय पांडे बताते हैं कि एमआरकेएच सिंड्रोम का सबसे बड़ा संकेत ये है कि 16 वर्ष की उम्र होने पर भी मासिक धर्म नहीं आता है। अक्सर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं।

एमआरकेएच सिंड्रोम एक जन्मजात विसंगति होती है। इसमें प्राइवेट पार्ट या तो बंद हो जाता है, या फिर विकसित नहीं हो पाता है। हालांकि इसमें महिलाओं के अंदर गर्भाशय मौजूद रहता है।

इस बीमारी की तुरंत जानकारी माता-पिता या डॉक्टर्स को नहीं मिल पाती है। जब लड़की 16 साल की होती है और उसे मासिक धर्म नहीं होता है तभी इस सिंड्रोम का पता चलता है। यदि आपको या आपकी जान पहचान वालों में किसी को 16 साल की उम्र के बाद भी मासिक धर्म नहीं आए तो आप डॉक्टर से इस सिंड्रोम की जानकारी ले सकते हैं।

22 वर्षीय महिला के इस केस में डॉक्टरों ने उसका इलाज करने के लिए रोबोटिक सर्जरी की हेल्प ली। इसके माध्यम से उन्होंने महिला के प्राइवेट पार्ट और अंदर के पार्ट को फिर से सही किया।

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