पूरा देश इन दिनों दुर्गा मां की भक्ति में लिन है। नवरात्रि के इस पावन पर्व पर हर कोई माता रानी को प्रसन्न करने में लगा है। इस दौरान लोगों ने घर में घट स्थापना की तो वहीं पंडालों में देवी मां की मूर्तियां स्थापित की गई। इस वर्ष कोविड गाइडलाइन और अन्य नियमों के अनुसार माता की प्लास्टर ऑफ पेरिस जैसी सामग्री से मूर्तियां बनाने पर पाबंदी है। ऐसे में मूर्ति कलाकार अपनी क्रिएटिविटी का इस्तेमाल कर तरह-तरह की आकर्षक प्रतिमाएं बना रहे हैं। ऐसी ही एक आकर्षक और अनोखी प्रतिमा इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है।
दरअसल सोशल मीडिया पर इन दिनों दुर्गा मां की खुलकर मुस्कुराते हुए एक प्रतिमा बड़ी वायरल हो रही है। ये प्रतिमा इतनी आकर्षक है कि देखने में बिल्कुल सजीव लगती है। इसे देख ऐसा लगता है मानों माता रानी साक्षात धरती पर आ गई हैं और प्यारी सी मुस्कान दे रही हैं। दुर्गा मां की यह शानदार मूर्ति मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से 22 किलोमीटर दूर सिंगोड़ी गांव में स्थापित की गई है। इसे यहीं के रहने वाले मूर्तिकार पवन प्रजापति ने बनाया है। लोग पवन की कलाकृति और हुनर की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं।
देवी मां की यह मूर्ति इतनी सजीव और आकर्षित है कि इसके दर्शन करने सिर्फ छिंदवाड़ा ही नहीं बल्कि पड़ोसी जिले नरसिंहपुर, बैतूल, होशंगाबाद, सिवनी से भी लोग आ रहे हैं। इस मूर्ति को देखने के बाद लोग मूर्तिकार पवन से मिलते हैं और उनके हुनर की सराहना करते हैं। पवन ने मां की मुस्कुराते हुए मूर्ति बनाने के पीछे की वजह भी बताई।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लाखों लोगों ने अपनों को खोया है। लगभग हर गांव में किसी न किसी परिवार का कोई सदस्य या जान पहचान वाला दुनिया छोड़ चला गया। ऐसे में हर जगह दुख और मायूसी छाई हुई थी। इन लोगों के चेहरे पर खुशी लाने के लिए मैंने देवी मां की मुस्कुराते हुए चेहरे वाली मूर्ति बनाई है।
पवन कहते हैं कि जब भी कोई शख्स माता रानी के मनमोहक मुस्कुराते हुए चेहरे को देखता है तो अपने दुख दर्द भूल जाता है। वह मां को देख अपने गमों को भुला देते हैं और जीवन में आगे बढ़ने लगते हैं। मेरी भी माता रानी से यही विनती रहेगी कि वह हर इंसान का चेहरा यूं ही मुस्कुराता रहे। मैंने इसी उद्देशय से ये मूर्ति बनाई है।
पवन ने इस मनमोहक और सजीव मूर्ति को बनाने के लिए सिर्फ भूरी मिट्टी का उपयोग किया है। इस कारण इस मूर्ति में कभी कोई क्रेक नहीं आएगा। वे बताते हैं कि मैंने प्लास्टर ऑफ पेरिस सहित किसी भी ऐसी सामग्री का उपयोग नहीं किया जो देवी मां की मूर्ति बनाने के लिए प्रतिबंधित है। मतलब यह मूर्ति पर्यावरण के लिए भी लाभकारी है।
वैसे आप लोगों को मां दुर्गा की यह मूर्ति कैसी लगी हमे कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं।
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