संभल। यूपी के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा मामले में पुलिस ने 100 पत्थरबाजों के पोस्टर जारी किए हैं। इनमें ज्यादातर हाथ में पत्थर लिए हैं। मुंह बांधे हैं।
पुलिस अब तक 4 महिलाओं समेत 27 उपद्रवियों को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। संभल पुलिस ने एक महिला का भी पोस्टर जारी किया। यह महिला पत्थरबाज दीपासराय इलाके की है। वह छत से पत्थर फेंकते हुए नजर आ रही है। यह इलाका सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के पास का है।
बर्क के घर के पास महिलाओं ने छत से बरसाए पत्थर संभल में हुई हिंसा का एक और वीडियो सामने आया है। इसमें सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के घर के पास कुछ महिलाएं छतों से पुलिस पर पत्थर बरसाती नजर आ रही हैं। कमिश्नर आंजनेय सिंह का कहना है- पत्थरबाजी में शामिल किसी भी अराजक तत्व को बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वह पुरुष हों या महिलाएं।
वहीं, बुधवार को यूपी के आबकारी राज्यमंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा-कानून बिगाड़ने वालों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। पत्थरबाजी करने वाले, दंगा भड़काने वाले उपद्रवियों के पोस्टर सार्वजनिक स्थान पर लगाए जाएंगे। सार्वजनिक संपत्ति का जो नुकसान हुआ है। उसकी भरपाई उपद्रवियों से कराई जाएगी।
इधर, योगी सरकार हिंसा में जिन-जिन लोगों के नाम सामने सामने आए हैं। उनकी पहचान के बाद वसूली की नुकसान की वसूली की तैयारी कर रही है। गृह और पुलिस विभाग इसमें मिलकर काम कर रहा है।
संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दूसरे चरण के दौरान रविवार को हिंसा हुई थी। पथराव-फायरिंग में 4 युवाओं की मौत हुई थी। इस दौरान कई घंटे तक पथराव हुआ था।
रविवार को दोबारा सर्वे के दौरान भड़की हिंसा 2 दिन पहले यानी रविवार सुबह 6.30 बजे डीएम-एसपी के साथ दोबारा से टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। टीम देखकर मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए। कुछ ही देर में करीब दो से तीन हजार से ज्यादा लोग जामा मस्जिद के बाहर पहुंच गए। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। इसके बाद हिंसा भड़क गई।
19 नवंबर को पहली बार हिंदू पक्ष की याचिका पर हुआ था सर्वे संभल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में हिंदू पक्ष ने 19 नवंबर को याचिका लगाई। 95 पेज की याचिका में हिंदू पक्ष ने दो किताब और एक रिपोर्ट को आधार बनाया है। इनमें बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी किताब और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की एक 150 साल पुरानी रिपोर्ट शामिल है।
संभल की सिविल कोर्ट ने उसी दिन कमिश्नर सर्वे का आदेश दिया था। इस आदेश के कुछ ही घंटों बाद उसी दिन कमिश्नर टीम ने सर्वे किया था। सर्वे की रिपोर्ट एक सप्ताह में सौंपनी है। सिविल कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ जामा मस्जिद पक्ष ने अपील दाखिल की है। मामले पर अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।
संभल की मस्जिद का विवाद क्या है?
हिंदू पक्ष काफी वक्त से संभल की जामा मस्जिद की जगह पर पहले मंदिर होने का दावा कर रहा है। 19 नवंबर को 8 लोग मामले को लेकर कोर्ट पहुंचे और एक याचिका दायर की। इनमें सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णुशंकर जैन प्रमुख हैं। ये दोनों ताजमहल, कुतुब मीनार, मथुरा, काशी और भोजशाला के मामला भी देख रहे हैं।
इनके अलावा याचिकाकर्ताओं में वकील पार्थ यादव, केला मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी, महंत दीनानाथ, सामाजिक कार्यकर्ता वेदपाल सिंह, मदनपाल, राकेश कुमार और जीतपाल यादव का नाम शामिल है। हिंदू पक्ष का दावा है कि ये जगह पहले श्रीहरिहर मंदिर हुआ करती थी, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया।
संभल कोर्ट में हिंदू पक्ष ने याचिका लगाई। 95 पेज की याचिका में हिंदू पक्ष ने दो किताब और एक रिपोर्ट को आधार बनाया है। इनमें बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी किताब और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की 150 साल पुरानी एक रिपोर्ट शामिल है।
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