आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे मंदिर के बारे में जहां मात्र मंदिर के फर्श पर सोने से ही विवाहित निसंतान महिलाओं को होती है संतान की प्राप्ति. इंटरनेट के इस युग में हम सोशल मीडिया के माध्यम से रोज़ाना कई सारि खबरे सुनते है, लेकिन इन में से कुछ खबरे ऐसी होती है जिसे सुनकर उसपर यकीन करना काफी मुश्किल लगता है, लेकिन चमत्कार कहि भी किसी रूप में हो सकती है और कुछ लोग इसे सच मानते है तो कुछ लोग इन चमत्कारों से इंकार कर देते है.
आज हम आपको इस ऐसी ही चमत्कार के बारे में बताने जा रहे है जो एक मंदिर से जुडी हुई है. यह कैसा अजीब चमत्कार है, आप इस के बारे में सुनेंगे तो आप को यकीं नहीं होगा भारत में कई ऐसे शक्तिशाली मंदिर है जिनके बारे में जानकर आश्चर्य होता है.
विविधाताओं के देश भारत में काफी कुछ ऐसा है जो वैज्ञानिक तर्कों से हट कर आस्था के चरम का कमाल नजर आता है. अब आप इसे ईश्वर में विश्वास कहें या अंधविश्वास पर ऐसे ही विज्ञान को हैरान करते चमत्कार की कहानी सुनाता है हिमाचल में स्थित सिमसा माता का मंदिर.
दरअसल भारत के इस मंदिर में यह मान्यता है कि यहां फर्श पर सोने से महिलाएं प्रेग्नेंट हो जाती …हम कोई मजाक नहीं कर रहे, ये हकीकत है। इस मंदिर के बारे में आपको बता रहें है जंहा निसंतान लोग संतान के लिए क्या-क्या नहीं करते.
ऐसा ही कुछ हिमाचल प्रदेश के एक गांव के मंदिर में होता है, हिमाचल के सिमस गांव में एक सिमसा माता का मंदिर है जिसके फर्श पर सोने से निसंतान महिलाऐ प्रगनेंट हो जाती है। वैसे तो महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए न जाने कैसे-कैसे कष्टो से गुजरती हैं, लेकिन यहां तो सिर्फ फर्श पर सोने मात्र से संतान की प्राप्ति हो जाती है.
इस चमत्कारी मंदिर को संतान-दात्री के नाम से जाने जाता है। यहां दूर दूर से महिलाऐ इस मंदिर के फर्स पर सोने के लिए आती है। नवरात्रा में यहां सलिन्दरा उत्सव मनाया जाता है जिसका अर्थ है सपने आना, निसंतान महिलाये दिन रात इस मंदिर के फर्स पर सोती है। नवरात्रों में हिमाचल के पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से ऐसी सैकड़ों महिलाएं इस मंदिर की ओर रूख करती हैं जिनके संतान नहीं होती है.
आपको बता दे की, नवरात्रों में निसंतान महिलायें मंदिर परिसर में डेरा डालती हैं और दिन रात मंदिर के फर्श पर सोती हैं ऐसा माना जाता है कि जो महिलाएं माता सिमसा के प्रति मन में श्रद्धा लेकर से मंदिर में आती हैं माता सिमसा उन्हें सपने में मानव रूप में या प्रतीक रूप में दर्शन देकर संतान का आशीर्वाद प्रदान करती है.
यहां आने वाले और इस मंदिर पर विश्वाश रखने वाले लोगो का मानना है की माता सिमसा सपने में महिलाओ को फल देती है और महिलाए सपने में माता से उस फल को लेती है। इसे यह संकेत मिल जाता है की माता ने संतान का का आशिर्वाद दे दिया है। सिर्फ इतना ही नहीं होता इस फल से इस बात का पता चल जाता की महिलाओं लड़का होगा की लड़की.
इस प्राचीन मंदिर की मान्यता के अनुसार, यदि कोई महिला सपने में कोई कंद-मूल या फल प्राप्त करती है तो उस महिला को संतान का आशीर्वाद मिल जाता है। यहां तक की देवी सिमसा आने वाली संतान के लिंग-निर्धारण का भी संकेत देती है.
मिली जानकारी के अनुशार, जैसे कि, यदि किसी महिला को अमरुद का फल मिलता है तो समझ लें कि लड़का होगा। अगर किसी को सपने में भिन्डी प्राप्त होती है, तो समझें कि संतान के रूप में लड़की प्राप्त होगी। यदि किसी को निसंतान होने, धातु, लकड़ी या पत्थर की बनी कोई वस्तु प्राप्त हो तो समझा जाता है कि उसके संतान नहीं होगी। और उसके बाद भी वो महिला उस मंदिर से नहीं जाती है तो उसके शरीर में खुजली भरे लाल लाल दाग दिखने लगते है। इसलिए उसे मजबूरन वहां से जाना पड़ता है.
एक चमत्कार होता है यहां, सिमसा माता मंदिर के पास यह पत्थर बहुत प्रसिद्ध है। इस पत्थर को दोनों हाथों से हिलाना चाहो तो यह नही हिलेगा और आप अपने हाथ की सबसे छोटी ऊंगली से इस पत्थर को हिलाओगे तो यह हिल जायेगा. अब ये तो हम जानते है की इंसान की मान्यताओं का कोई अंत नहीं और ये तो मान्यताएं हैं और मान्यतों के बारे में हम क्या कहें, हम इस बात की पुष्टि नहीं करते लेकिन जो सत्य है वो तो है ही. मानो तो भगवान कण कण में है और न मानो तो कहि भी नहीं, ये इंसानो की अपनी सोच पर निर्भर करता है.
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