दुनिया में धन संपत्ति को लेकर सबसे ज्यादा विवाद होते हैं । ऐसे में जिसकी संपत्ति अरबों डॉलर में हो उसको सबसे ज्यादा खतरा होता है। खतरा न केवल सुरक्षा का बल्कि परिवार को जोड़कर रखने का भी होता है। ऐसे में भलाई इसी में मानी जाती है की समय रहते उसका उचित प्रबंधन कर दिया जाए। भारत और एशिया के सबसे धनी व्यक्ति मुकेश अंबानी ने इन्हीं सब कारणों के चलते अपनी संपत्ति को अगली पीढ़ी में ट्रांसफर करने के लिए अभी से विचार करना शुरू कर दिया है।
64 वर्ष के मुकेश अंबानी अपने 208 अरब डॉलर के बिजनेस अंपायर को अगली पीढ़ी में ट्रांसफर करने के लिए कई सारे मॉडल पर विचार कर रहे हैं । अंबानी वॉल्टन और कुछ परिवार में शामिल उत्तराधिकार मॉडल को सबसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं। एक मीडिया रिपोर्ट की मानें तो उन्होंने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए प्रक्रिया तेज कर दी है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अंबानी को वॉलमार्ट इन्क के वॉल्टन परिवार का मॉडल सबसे ज्यादा पसंद आया है। वे परिवार की संपत्ति को एक ट्रस्ट में डालना चाहते हैं, जो देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को नियंत्रित करेगी।
इस ट्रस्ट में अंबानी, उनकी पत्नी नीता और इनके तीनों बच्चों की हिस्सेदारी होगी और ये सभी बोर्ड में भी शामिल रहेंगे। इस बोर्ड में अंबानी परिवार के कुछ बेहद करीब लोगों को सलाहकार की भूमिका में भी रखा जा सकता है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कंपनी का प्रबंधन प्रोफेशनल लोगों के हाथ में होगा, जो Reliance के बिजनेस एक्टिविटीज को नियंत्रित करेंगे। हालांकि आपको यह बता दें कि इस पर अंबानी ने अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है। एशिया महादेश के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी ने रिलायंस के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर के पद त्यागने के संबंध में कोई सार्वजनिक घोषणा नहीं की है,
लेकिन पिछले कुछ समय से अंबानी के बच्चे बिजनेस एक्टिविटीज में ज्यादा सहभागिता दिखा रहे हैं।आपको बता दें कि धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद उनके बेटे मुकेश और अनिल अंबानी में संपत्ति को लेकर काफी बड़ा विवाद छिड़ गया था। भविष्य में ऐसी स्थिति न उत्पन्न हो इसके लिए मुकेश अंबानी अभी से ही काफी सतर्कता बरत रहे हैं।
मुकेश अंबानी जिस वॉल्टन फैमिली के मॉडल को सबसे ज्यादा विचार कर रहे हैं उसके बारे में समझिए। दरअसल Walmart Inc. के फाउंडर सैम वॉल्टन ने अपनी मौत से 40 साल पहले 1953 में ही उत्तराधिकार योजना पर काम करना शुरू कर दिया था और उन्होंने अपने बिजनेस एंपायर का 80% हिस्सा अपने चार बच्चों को दे दिया था। इस पर शेयर होल्डर्स ने काफी जमकर वॉल्टन की आलोचना भी की थी।
मुकेश अंबानी के उत्तराधिकार योजना को लेकर कई लोग इसके पीछे का कारण उनके भाई धीरू अंबानी से हुए विवाद को मान रहे हैं। आपको बता दें कि धीरूभाई अंबानी के मौत के बाद उनके दोनों बेटों में विवाद हो गया था। अंत में मुकेश और अनिल अंबानी के बीच पूरे बिजनेस को बांटना पड़ा। अनिल अंबानी के हिस्से में कम्युनिकेशन, पावर, कैपिटल का बिजनेस आया जबकि मुकेश अंबानी को रिलायंस इंडस्ट्रीज संभालने की जिम्मेदारी मिली।
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