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सोने के गहनों से भरा बैग ऑटो में भूल गई सवारी, फिर रिक्शा चालक ने जो किया वह हैरान करने वाला था

आज के महंगाई के जमाने में ईमानदारी बची ही नहीं है। ऐसा बहुत कम होता है जब हमे ईमानदारी का कोई बड़ा किस्सा सुनने को मिलता है। यहां हर कोई कम समय में अधिक से अधिक पैसा कमाने की फिराक में रहता है। फिर चाहे उसे इसके लिए बेईमानी की राह पर ही क्यों न चलना पड़े। जरा सोचिए यदि आपको कहीं से सोने से भर बैग मिल जाए तो आप क्या करेंगे?

आप में से बहुत से लोगों की इस बैग को देख नियत डोल जाएगी। हालांकि आज हम आपको एक ऐसे ऑटोरिक्शा चालक से मिलाने जा रहे हैं जिसने सोने से भरा बैग मिलने पर कुछ ऐसा किया कि हर कोई हैरान रह गया।

ऑटो में बैग भूल गई सवारी

Auto rickshaw

मामला गुरुवार 18 नवंबर का है। मुंबई के रहने वाले रोहित विश्वकर्मा बस के माध्यम से इंदौर आए हुए थे। यहां तीन इमली चौराहा पर वह मोहम्मद सलीम नाम के शख्स के ऑटो रिक्शा में सवार हुए। हालांकि अपने गंतव्य पर पहुंचने के बाद वह ऑटो से बैग उठाना भूल गए। ऑटो चालक ने भी इस बात पर ध्यान नहीं दिया और वह चला गया।

बैग में था सोना और जरूरी कागजात

Auto rickshaw

इस बैग में सोने के जेवरात और कुछ डॉक्यूमेंट्स एवं दवाइयां भी थी। ऐसे में परेशान रोहित विश्वकर्मा दिनभर अपने बैग को पूरे शहर में ढूंढते रहे। हालांकि लाख कोशिश के बाद उन्हें बैग और ऑटो चालक का कोई सुराग नहीं मिला। रोहित अपने बैग के मिलने की उम्मीद लगभग छोड़ ही चुके थे। लेकिन फिर उन्हें पुलिस की एक कॉल आई और जो बात उन्होंने सुनी उस पर यकीन नहीं हुआ।

ऐसे मिला बैग

रोहित अपने गुमशुदा बैग की शिकायत पहले ही पुलिस में कर चुके थे, उधर पुलिस को ये बैग गुरुवार रात तक मिल भी गया। दिलचस्प बात ये रही कि इसे पुलिस ने नहीं खोजा, बल्कि खुद ऑटो चालक इसे पुलिस को सौंप गया। पुलिस ने बताया कि ऑटो रिक्शा चालक मोहम्मद सलीम अपने काम के बाद जब घर लौटे तो उन्हें अपने वाहन में बैग मिला। ऐसे में वह यह बैग आजाद नगर के क्षेत्रीय थाने में जमा करा गए।

ऑटो चालक ने बैग खोला तक नहीं

50 वर्षीय ऑटो रिक्शा चालक मोहम्मद सलीम ने बताया कि उसने यह बैग खोलकर देखा तक नहीं। उसने कहा कि मैंने गुरुवार को कई सवारियों को उनकी मंजिल तक छोड़ा था। इसलिए मुझे याद नहीं रहा कि यह बैग किस शख्स का है। इसलिए मैंने इसे पुलिस ठाने में जमा करा दिया। मैं बहुत खुश हूं कि बैग उसके सही मालिक को मिल गया। अल्लाह मुझे ईमानदारी की राह पर चलाता रहे।

ऑटो चालक ने ईमानदारी की जो मिसाल पेश की है वह काबिलेतारीफ है। यदि सभी लोग इनके जैसे ईमानदार बन जाए तो ये दुनिया स्वर्ग से कम नहीं होगी।

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