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8th Pay Commission : कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर, इस बार डबल नहीं तीन गुना बढ़ेगी सैलरी, जल्द सरकार कर सकती है ऐलान


My job alarm - (8th Pay Commission) आठवें वेतन आयोग का इंतजार कर रहे सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर आई है। केंद्र सरकार जल्द ही उनके न्यूनतम वेतन में बड़ी बढ़ोतरी कर सकती है। यदि सब कुछ सही रहा तो कर्मचारियों का मासिक वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो जाएगा, जो कि 186 प्रतिशत का इजाफा है।

वर्तमान में, ये कर्मचारी सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) के तहत वेतन प्राप्त कर रहे हैं, जो छठे वेतन आयोग की तुलना में 158 प्रतिशत अधिक है। यदि सरकार 2.86 के फिटमेंट फैक्टर को मंजूरी देती है, तो यह बढ़ोतरी संभव होगी। इस बढ़ोतरी से सरकारी कर्मचारियों का वेतन लगभग तीन गुना हो जाएगा। (8th pay commission latest updates)

नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसलटेटिव मशीनरी के सचिव, शिव गोपाल मिश्रा के अनुसार, 8वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर को 2.86 बढ़ाने की संभावना है। यह 7वे वेतन आयोग के 2.57 से 29 आधार अंक अधिक है, जिससे सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18000 से 51480 रुपये हो जाएगा।

पेंशन में भी होगा इजाफा-

फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) में वृद्धि से न केवल सैलरी बल्कि पेंशन में भी इजाफा होगा। अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 होता है तो पेंशन भी 9000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये हो जाएगी। इस प्रकार 8वें वेतन आयोग के तहत पेंशन में भी 186 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है। (employees update)

2025-26 के बजट में घोषणा की संभावना-

हालांकि 8वें वेतन आयोग के गठन की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसे 2025-26 के बजट में घोषित किया जा सकता है। वर्ष 2024-25 के बजट में भी आयोग के गठन की मांग उठाई गई थी और इसके लिए कर्मचारी संघ ने कैबिनेट सचिव और वित्त मंत्रियों से मुलाकात की थी। नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसलटेटिव मशीनरी (National Council of Joint Consultative Machinery) द्वारा जुलाई और अगस्त 2024 में आयोग के गठन के लिए मांग की गई थी। दिसंबर में होने वाली बैठक के बाद आयोग के गठन पर स्पष्टता आने की संभावना है, जबकि शुरुआत में यह मीटिंग इस महीने आयोजित होने की उम्मीद थी, जिसे अब दिसंबर के लिए टाल दिया गया है।

2014 में हुई थी 7वें वेतन आयोग की स्थापना-

आमतौर पर वेतन आयोग की स्थापना हर 10 साल में की जाती है. हालांकि, इसके लिए कोई प्रोविजन (provision) लागू नहीं है. यह एक प्रैक्टिस है. 7वें वेतन आयोग की स्थापना फरवरी 2014 में की गई थी और इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गई थी. इसके तहत न्यूनतम मूल वेतन (minimum basic salary) 7000 रुपये से बढ़ाकर 18000 रुपये किया गया था.वर्तमान में एक करोड़ से ज्यादा केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनर हैं. अब एक बार फिर कर्मचारियों (employees) को उम्मीदें हैं कि 8वें वेतन आयोग के माध्यम से उनकी सैलरी और पेंशन (pension) में बड़ी वृद्धि होगी.

वेतन आयोग की स्थापना आमतौर पर हर 10 वर्ष में की जाती है, हालांकि इसके लिए कोई निश्चित प्रावधान नहीं है। यह एक प्रथा के रूप में जारी है। 7वें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में हुआ था, और इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गईं। इस आयोग ने न्यूनतम मूल वेतन को 7000 रुपये से बढ़ाकर 18000 रुपये किया। वर्तमान में, भारत में एक करोड़ से अधिक केंद्र सरकार (central government) के कर्मचारी और पेंशनर हैं। अब, कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग की स्थापना से बड़े वेतन और पेंशन में वृद्धि की उम्मीदें हैं।

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