लखनऊ: उत्तर प्रदेश में खतौनी में बदलाव की प्रक्रिया, ज़मीन के स्वामित्व और हिस्सेदारी को स्पष्ट करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस प्रक्रिया के तहत, लोगों का अंश निर्धारण किया जा रहा हैं, तकि लोगों को किसी तरह की समस्या का सामना करना न पड़ें।
खबर के अनुसार अंश निर्धारण के बाद, खतौनी में शामिल लोगों के नाम के आगे उनके हिस्से की ज़मीन का आंकड़ा भी अंकित किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि अगर कोई अपने हिस्से की ज़मीन बेचता है, तो परिवार के किसी दूसरे व्यक्ति की ज़मीन नहीं जा सकेगी।
क्या हैं नई व्यवस्था।
अंश निर्धारण: खतौनी में शामिल लोगों के नाम के आगे उनके हिस्से की ज़मीन का आंकड़ा अंकित किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि अगर कोई व्यक्ति अपनी ज़मीन बेचता है, तो केवल उसी के हिस्से की ज़मीन बेची जा सकेगी, न कि परिवार के किसी अन्य सदस्य की।
खतौनी की जानकारी: खतौनी में ज़मीन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी जैसे कि खसरा नंबर, कुल क्षेत्रफल, मालिकों और उनके पिता के नाम, साल दर साल स्वामित्व परिवर्तन आदि होते हैं। यह दस्तावेज़ कानूनी दस्तावेज़ होता है जो ज़मीन की स्वामित्व स्थिति को प्रमाणित करता है।
भूलेख पोर्टल: उत्तर प्रदेश सरकार ने भूमि रिकॉर्ड को कंप्यूटरीकृत करने के लिए भूलेख पोर्टल का निर्माण किया है। इस पोर्टल से लोग अपनी ज़मीन के संबंध में वास्तविक समय (रियल टाइम) खतौनी नकल देख सकते हैं। साथ ही, रियल टाइम खतौनी नकल को डाउनलोड या प्रिंट भी किया जा सकता है।
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