नई दिल्ली: वेस्ट यूपी के मेरठ जिले में चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के सामने मेडिकल थाना क्षेत्र में बना द सीजर्स फैमिली यूनिसेक्स सैलून। नाम सैलून का, लेकिन काम लड़कियों से मसाज कराने का। ग्राहक जब इस सैलून में कदम रखते, तो खूबसूरत मुस्कुराहट के साथ दो लड़कियां रिसेप्शन पर उनका स्वागत करतीं। इसके बाद ग्राहक से रजिस्टर में उसका नाम, मोबाइल नंबर और पता दर्ज कराया जाता। और फिर, शुरू होता था असली खेल, जिसमें ग्राहक को मोबाइल में लड़कियों के फोटो दिखाए जाते।
ग्राहक जिस फोटो पर उंगली रखता, उसी के साथ उसे एक प्राइवेट केबिन में भेज दिया जाता। एक ऐसा केबिन, जिसमें रोशनी के नाम पर नीले रंग की एक छोटी सी लाइट जल रही होती। फिर ग्राहक से कपड़े उतारने के लिए कहा जाता और इसके बाद उस केबिन के हर पल को एक छिपे हुए कैमरे से रेकॉर्ड कर लिया जाता।
दिल्ली से ट्रेंड कर बुलाई जाती थीं लड़कियां केबिन में कैमरा इस एंगल से सेट किया जाता था कि उसमें केवल ग्राहक का ही चेहरा दिखता, मसाज करने वाली लड़की का नहीं। हैरान कर देने वाली ये कहानी है मेरठ के उस मसाज पार्लर की, जहां पिछले काफी वक्त से ब्लैकमेलिंग का गंदा खेल चल रहा था। इस खेल का पर्दाफाश तब हुआ, जब ब्लैकमेलिंग का शिकार हुए बैंक के एक अधिकारी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
मेरठ में द सीजर्स फैमिली यूनिसेक्स सैलून नाम से इस मसाज पार्लर को आयशा खान नाम की महिला चला रही थी, जो सरधना इलाके के भाटवाड़ा मोहल्ले की रहने वाली है। पार्लर के अंदर छोटे-छोटे करीब 6 केबिन बने थे, जिनमें ग्राहकों को मसाज दी जाती थी। हरियाणा के गुरुग्राम, दिल्ली और यूपी के नोएडा तक से लड़कियां यहां मसाज सर्विस देने के लिए आती थीं। इन लड़कियों की ट्रेनिंग दिल्ली में कराई जाती थी।
रिसेप्शन पर ही शिकार का नाम फाइनल पार्लर में मसाज के रेट फिक्स थे। कहने को यहां अलग-अलग तरह की मसाज सर्विस दी जाती, लेकिन मकसद एक ही होता था- रईस लोगों को हुस्न के जाल में फंसाकर ब्लैकमेलिंग के जरिए पैसे ऐंठना। पार्लर में 60 मिनट की सर्विस का चार्ज था 2000 रुपये, जिसमें 45 मिनट की मसाज और 15 मिनट का शावर शामिल था। हालांकि, आयशा की असली कमाई इस मसाज सेशन के बाद शुरू होती थी।
किस ग्राहक को मसाज के बाद वीडियो के जरिए ब्लैकमेल किया जाएगा, ये सबकुछ रिसेप्शन पर ही फाइनल हो जाता था। ग्राहक के प्रोफाइल से भांप लिया जाता था कि अगला शिकार कौन होगा। फिर जो नाम फाइनल होता, उसे ब्लैकमेल करने की तैयारी शुरू हो जाती। केबिन में मसाज का वीडियो बनाने के बाद उस ग्राहक को आयशा खुद फोन करती और ब्लैकमेल कर रुपयों की डिमांड होती।
हर शिकार को नए नंबर से वॉट्सऐप कॉल अपने शिकार ग्राहकों को ब्लैकमेल करने के लिए आयशा ने कई सिम खरीद रखी थीं। वो हर ग्राहक को नए नंबर से कॉल करती। कोई उसकी कॉल रिकॉर्डिंग ना कर पाए, इससे बचने के लिए आयशा केवल वॉट्सऐप कॉल ही करती थी। वह ग्राहकों को धमकी देती कि या तो रुपये दो वरना उसका वीडियो वायरल कर दिया जाएगा। ज्यादा डराने के लिए आयशा रेप का केस दर्ज कराने की भी धमकी देती।
मसाज के साथ-साथ पार्लर में देह व्यापार का भी धंधा चल रहा था। 2000 रुपये केवल मसाज कराने का चार्ज था। इसके अलावा अगर किसी ग्राहक को अलग से स्पेशल सर्विस चाहिए, तो उसके लिए अलग से रुपये लिए जाते थे। ऐसे लोगों के वीडियो भी हिडन कैमरे से रेकॉर्ड किए गए थे। पुलिस को मौके से पकड़े गए लोगों के मोबाइल में इस तरह के कुछ वीडियो मिले हैं।
कैसे हुआ आयशा के खेल का पर्दाफाश सैलून के नाम पर चल रहे मसाज पार्लर में आयशा लंबे वक्त से ये खेल चला रही थी। इस बीच उसने एक बैंक ऑफिसर को ब्लैकमेल किया और उससे तीन लाख रुपये ऐंठ लिए। आयशा ने उसे रेप केस में फंसाने की धमकी देकर 5 लाख रुपये और मांगे, जिसके बाद पीड़ित ने पुलिस की मदद ली। पुलिस ने रविवार को छापा मारकर इस पूरे खेल का पर्दाफाश कर दिया।
पुलिस ने जब द सीजर्स फैमिली यूनिसेक्स सैलून नाम के इस मसाज पार्लर पर रेड मारी, तो यहां अलग-अलग केबिन में 7 युवक पकड़े गए। ये सभी युवक मसाज करने वाली लड़कियों के साथ आपत्तिजनक हालत में थे। पार्लर की मालिक आयशा खान को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया। फिलहाल पुलिस जांच कर रही है कि आयशा ने और कितने लोगों को अपने जाल में फंसाया है।
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