आप लोगों ने भी कभी ना कभी तो अपने माता-पिता, दादा-दादी या स्कूल के टीचर्स को कहते सुना होगा कि हमारे जमाने में तो बस 2 रूपये में लंच हो जाया करता था। या फिर हमारे जमाने में तो बसों और ट्रेनों का किराया भी काफी कम था। ऐसे में कुछ बातें तो हमें अविश्वसनीय ही लगती है, लेकिन ऐसा सच में हुआ करता था।
हम सब अच्छी तरह जानते हैं कि इन दिनों महंगाई तेजी से बढ़ती जा रही है, जिस वजह से बहुत सारे लोग परेशान है। जो लोग मसाला डोसा और कॉफी का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं उन्हें अच्छी तरह मालूम है कि वर्तमान में इसकी कीमत क्या हो सकती है। लेकिन अधिकतर लोग यह नहीं जानते होंगे कि साल 1971 में मसाला डोसा और कॉफी की कीमत कितनी थी, तो चलिए अब हम इसके बारे में जानते हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा 1971 का बिल
आज के जमाने में अगर हम एक कप कॉफी पीने, किसी सड़क किनारे लगी रेड़ी पर जायें, तो भी कॉफी 10 रूपये से कम में नहीं मिलती। रेस्टॉरेंट की तो बात ही छोड़ दीजिये। वहीं, बात करें मसाला डोसा की, तो ठेलों पर भी 150 से नीचो डोसा नहीं मिलता। लोग बाहर नाश्ता करने के बारे में सोचने से पहले महंगाई के बारे में सोचते हैं। चाहे खाने की डिलीवरी का ऑर्डर देना हो या बाहर खाना खाना हो, अगर आप अपने लिए खाना नहीं बना रहे हैं, तो खाने के बिल अक्सर आपकी जेब पर भारी पड़ते हैं।
हालांकि, इन दिनों सोशल मीडिया पर पुराने जमाने का एक होटल का बिल काफी वायरल हो रहा है। जिसे देख यूजर्स हैरान रह गये हैं। दरअसल, साल 1971 का ये बिल एक मसाला डोसा और एक कप कॉफी का है। क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इसकी कीमत कितनी हो सकती है।
सिर्फ 2 रूपये में एक मसाला डोसा और एक कप कॉफी
विश्वास करना मुश्किल है, लेकिन ऑर्डर का कुल बिल मात्र 2 रुपए था। यदि हम आज किसी भी नामी रेस्टॉरेंट में मसाला डोसा और कॉफी का ऑर्डर देते हैं, तो इसका बिल लगभग 500-600 से नीचे बिल्कुल भी नहीं आयेगा।
51 साल पुराना रेस्टॉरेंट का बिल अब इंटरनेट पर वायरल होने लगा है। 28 जून 1971 के बिल से पता चलता है कि एक ग्राहक ने मसाला डोसा और एक कप कॉफी का ऑर्डर दिया था। इन खाद्य पदार्थों की कीमत प्रत्येक के लिए 1 रुपये थी।
इस बिल को देख कर नेटिज़न्स का दिमाग चकरा गया। इतनी कीमत पर ऐसा भोजन करना आज सीधे कल्पना से बाहर लगता है। कई नेटिज़ेंस, विशेष रूप से 50 से ऊपर के लोग, बीते युग के लिए उदासीन महसूस कर रहे हैं, जब कीमतें इतनी अधिक नहीं थीं।
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