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कभी नहीं सोचा होगा आपने, करोड़पति की बेटी ने 1100 किलोमीटर पैदल चलकर किया ऐसा काम



Nikita Kataria


Nikita Kataria : केमिकल कारोबारी की कॉमर्स ग्रेजुएट बेटी ने सांसारिक मार्ग को त्याग कर साध्वी बनने का रास्ता चुना है। चार साल पहले छोटी बेटी के इस फैसले को सुनकर परिवार वाले काफी हैरान हुए और चार साल तक उसे मनाते रहे। अथाह धनदौलत होने के बाद भी एक लड़की के मन में वैराग्य जागा और उन्होंने सब छोड़कर आध्यात्म का रास्ता अपना लिया था। परिवार वालों की एक ना सुनने के बाद आखिरकार परिवार वाले बेटी (Nikita Kataria) को दीक्षा दिलाने के लिए राजी हो गए।



करोड़ों की संपत्ति छोड़ बेटी बनी साध्वी



Nikita Kataria


पाली के सोजतिया बास की रहने वाली निकिता कटारिया (Nikita Kataria) 23 नवंबर को छत्तीसगढ़ के रायपुर में जैन संतों के सानिध्य में दीक्षा ली है। दीक्षा से पहले निकिता कटारिया का तीन दिवसीय संयम पाठ कार्यक्रम पाली में पूरा हो चुका है। अब निकिता 23 नवंबर को रायपुर के एमजी रोड स्थित श्री जिनकुशलसूरी जैन दादाबाड़ी में साध्वी जयशिशु विराटयशा के सानिध्य में दीक्षा ली।



राजस्थान के पाली की रहने वाली कॉमर्स ग्रेजुएट 29 वर्षीय निकिता (Nikita Kataria) का सांसारिक जीवन से मोह भंग हो गया। इसके लिए उन्होंने 23 नवंबर को छत्तीसगढ़ के रायपुर में जैन समाज के कार्यक्रम में संतों की मौजूदगी में दीक्षा ली।



14 साल से अपना लिया था वैराग्य



Nikita Kataria


हालांकि, यह फैसला सुनकर परिवार के लोग काफी परेशान हो गए। उन्होंने अपनी बेटी निकिता (Nikita Kataria) को काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन वह दीक्षा लेने की जिद छोड़ने को तैयार नहीं हैं। आखिरकार परिवार के लोगों ने हार मान ली और बेटी को दीक्षा लेने की इजाजत दे दी। निकिता कहती हैं की 14 साल की उम्र से ही मेरे अंदर वैराग्य की भावना जागृत हो गई थी।



इस बीच मैं कई बार जैन संतों के सानिध्य में रही। भगवान का ध्यान करने से मन को शांति और परम सुख मिलता है। इसीलिए मैंने (Nikita Kataria) संयम का रास्ता चुना। संयम के रास्ते पर चलने से आत्मा के लिए मोक्ष के द्वार खुलेंगे



जैन संतों के साथ की 1100 किमी कि यात्रा



Nikita Kataria


इतना ही नहीं निकिता (Nikita Kataria) कि बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है। निकिता के पिता ने बताया कि हमने अपनी बेटी को मनाने का हरसंभव प्रयास किया। उसे समझाया की संन्यास का मार्ग इतना आसान नहीं है। संन्यास जीवन में कड़े नियमों का पालन करना पड़ता है, लेकिन वह नहीं मानी और हमें अपनी बेटी की खातिर हां कहना पड़ा।



पिता ने बताया कि हमने अपनी बेटी की शादी कराने की भी कोशिश की। सगाई के कई प्रस्ताव भी आए लेकिन उसने हर बार मना कर दिया। जब वह काफी समय तक नहीं मानी तो हमारे पास अपनी बेटी की खुशी के लिए कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा था। साल 2018 में निकिता ने जैन संतों और साध्वियों की मौजूदगी में 1100 किलोमीटर की पदयात्रा की। इसके साथ ही उन्होंने (Nikita Kataria) व्रत समेत कई साध्वी नियमों का पालन किया।



3 दिन लगातार चला दीक्षा कार्यक्रम



Nikita Kataria


14 साल की उम्र में निकिता (Nikita Kataria) के मन में संन्यास के भाव आ गए थे। इसके बाद निकिता ने धीरे-धीरे खुद को संन्यास की दीक्षा के लिए तैयार करना शुरू कर दिया। इस दौरान उसने जैन समाज के विभिन्न अनुष्ठान जैसे 11 व्रत, सिद्धिपात, अथाई, अथम, गिरनार नवानु यात्रा, शत्रुंजय नवानु यात्रा, वर्धमान तप की ओली जैसे अनुष्ठान किए।



इसके साथ ही उन्होंने संन्यास दीक्षा के लिए खुद को अंदर और बाहर से पूरी तरह से मजबूत कर लिया था। इधर, निकिता की दो बड़ी बहनें कल्पना और मोनिका हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। अब निकिता (Nikita Kataria) के दीक्षा कार्यक्रम के लिए उनके घर पर 3 दिनों के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।




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