नाम-गुरमीत सिंह, उम्र-103 साल और पता- शाहजहांपुर का जिला कारागार. पिछले 3 महीने से गुरमीत सिंह उम्र के इस पड़ाव पर आकर जेल में बंद हैं. अब आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर इस उम्र में इन्होंने ऐसा कौन सा गुनाह कर दिया, जिसकी वजह से उम्र के इस अंतिम पड़ाव पर आकर इन्हें जेल जाना पड़ गया? इनकी कहानी काफी दर्दनाक है.
Shahjahanpur
UP News: नाम-गुरमीत सिंह, उम्र-103 साल और पता- शाहजहांपुर का जिला कारागार…पिछले 3 महीने से गुरमीत सिंह उम्र के इस पड़ाव पर आकर जेल में बंद हैं. अब आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर इस उम्र में इन्होंने ऐसा कौन सा गुनाह कर दिया, जिसकी वजह से उम्र के इस अंतिम पड़ाव पर आकर इन्हें जेल जाना पड़ गया?
दरअसल गुरमीत सिंह की इस हालत के लिए उनके बेटे ही उनकी इस हाल के जिम्मेदार हैं. अपने बेटों की वजह से ही 103 साल की उम्र में आकर गुरमीत सिंह को जेल जाना पड़ा है. आखिर ऐसा क्या हुआ जो 103 साल की उम्र में उन्हें जेल जाना पड़ गया? जानिए गुरमीत सिंह की ये दर्दनाक कहानी…
103 साल के कैदी गुरमीत सिंह
जिला कारागार में समाजसेवी संस्था द्वारा बुजुर्ग बंदी गुरमीत सिंह को कंबल, पगड़ी, जैकेट लोई, कुर्ता पैजामा, मोजे ,फल, बिस्कुट, नमकीन आदि भेंट की गई. जिस किसी ने भी गुरमीत सिंह की कहानी सुनी, वह हैरान रह गया.
दरअसल उम्र के इस पड़ाव पर आकर बुजुर्ग ने 12 एकड़ जमीन दान कर दी. बस इसी वजह से अपने बेटों के लिए गुरमीत सिंह दुश्मन बन गए और बेटों ने फर्जी केसों में फंसाकर अपने बुजुर्ग पिता को जेल पहुंचा दिया.
गुरुद्वारा को दान कर दी जमीन और बेटों ने पहुंचा दिया जेल
गुरमीत सिंह की कहानी का जिक्र करते हुए जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने बताया, बुजुर्ग बंदी के बेटों ने 12 एकड़ जमीन दान करने पर इनको जेल में पहुंचा दिया है. जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने बताया, बुजुर्ग कैदी गुरमीत सिंह का कहना है कि उन्होंने अपनी कृषि जमीन गुरुद्वारा को दान कर दी थी. इस बात से उनके बेटे उनसे बहुत नाजार थे. ऐसे में बेटों ने साजिश रचकर उन्हें जेल पहुंचा दिया.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि 103 साल बुजुर्ग की उम्र है. मगर उनसे कोई मुलाकात करने के लिए भी नहीं आता. उन्हें जेल में 3 महीने हो गए हैं.
जेल में रोते हैं गुरमीत सिंह
जेल अधीक्षक ने बताया कि गुरमीत सिंह का कहना है कि उनके बेटे नशा करते हैं और गलत लोगों के साथ उनका उठना-बैठना है. वह रोते हैं और उनके पास दैनिक उपयोग के लिए भी सामानों की कमी है. बता दें कि ये देख जेल अधीक्षक के द्वारा तत्काल उन्हें कम्बल, स्लीपर, नहाने का साबुन, कपड़ा धोने का साबुन टूथपेस्ट, टूथ ब्रश, हेयर ऑयल आदि उपलब्ध करवाया गया. इसके अलावा सहयोग संस्था से भी मदद का अनुरोध किया गया.
इसके बाद संस्था की तरफ से भी बुजुर्ग कैदी को दैनिक उपयोग की वस्तुएं दी गईं. संस्था के पदाधिकारी ने बुजुर्ग कैदी को आश्वासन भी दिया है कि उन्हें जल्द से जल्द जेल से मुक्त करवाया जाएगा और अगर आवश्यकता पड़ी तो उनके रहने और खाने की भी व्यवस्था की जाएगी.
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