आज के समय में हर व्यक्ति चाहता है कि वो क्षण भर में एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंच जाए। इस के लिए वह यातायात के साधनों के रूप में रेलवे, हवाई जहाज, बस और टैक्सी का उपयोग करते है। लेकिन आज मैं यातायात साधनों के अंतर्गत रेलवे की बात करने वाला हूं। एक ऐसा रेलवे जो अपने आप में अनूठा है, इसकी चाल 10 किलोमीटर प्रति घंटा है और किसी व्यक्ति को यदि 100 किलोमीटर का सफर करना है तो यह ट्रेन 10 घंटे का समय लगा देती है।
वैसे तो यह एक्सप्रेस ट्रेन है, लेकिन वह साइकिल की रफ्तार से चलती है। तो चलिए बिना देरी करते हुए जान लेते हैं कि उस ट्रेन की ऐसी क्या विशेषता है कि लोग इसके टिकट को लेने के लिए धक्कामुक्की करने लगते है। अगर आप उस ट्रेन के बारे में पहले से जानते हैं तो अच्छी बात है अन्यथा आपको यह लेख अंत तक पढ़ना होगा, तभी उसके बारे में सभी जानकारी आपको मिल पाएगी।
ये है भारत की सबसे धीमी चलने वाली ट्रेन
इस ट्रेन को नीलगिरी माउंटेन ट्रेन के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि यह ट्रेन पहाड़ियों के बीच से होकर चलती है। आपको बता दें कि यह ट्रेन भाप के इंजन से चलता है। अब आपके मन में प्रश्न उठ रहा होगा कि भाप से क्यों चल रहा है तो आपको बता दे कि यह लगभग 100 साल पुराना ट्रेन है और विरासत के रूप में इसको सवाच कर रखा गया है। जिससे इसकी विलक्षणता बनी रहे यह ट्रेन तमिलनाडु के ऊटी क्षेत्र में चलती है।
मेट्टुपालयम ऊटी जाने में लग जाता है 5 घंटे का समय
मेट्टुपालयम से ऊटी जाने में यह ट्रेन 5 घंटे का समय लगा देता है, क्योंकि इसकी स्पीड सिर्फ 10 किलोमीटर प्रति घंटा है और मेट्टुपालयम ऊटी की दूरी 46 किलोमीटर है। यह ट्रेन 5 घंटे का समय इसलिए लगता है, क्योंकि सफर के दौरान बारिश आंधी और तूफान जैसे प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है।
इसी को ध्यान में रखते हुए ट्रेन को स्लो कर दिया जाता है, कई बार रास्ते में उसे बंद करने की नौबत आ जाती है, क्योंकि इस ट्रेन की कंपार्टमेंट लकड़ी से बनी हुई हैं। जो लोग इस ट्रेन से सफर कर चुके हैं उन्हें इसके बारे में अच्छी जानकारी होगी, अगर आप भी उस ट्रेन में का नजारा सामने से देखना चाहते हैं तो इस के लिए आपको उससे सफर करना होगा।
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