बहराइच के महसी तहसील के महाराजगंज कस्बे में हुई हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद 30 लोगों के घरों पर बाबा का बुलडोजर गरजेगा। जिन लोगों के घरों पर बुलडोजर चलेगा। उनके नाम सामने आ गए हैं।
शुक्रवार की शाम को लोकनिर्माण विभाग ने इन सभी घरों पर अतिक्रमण को लेकर नोटिस चस्पा कर दिया गया था। नोटिस चस्पा होने के बाद शनिवार को लोगों ने खुद ही मकान खाली करने शुरू कर दिए हैं।
इस नोटिस में लिखा गया था कि इसका जवाब न दिया गया तो पूरे घर पर ध्वस्तीकरण करने की कार्रवाई होगी। इसके साथ ही यहां के करीब 30 घरों पर यह नोटिस चस्पा हुए थे।
यह सभी हिंसा में शामिल आरोपियों के ही घर बताए जा रहे हैं। वहीं इस मामले में लापरवाही मिलने पर एएसपी को भी हटाने की तैयारी की जा रही है। जबकि तहसीलदार को जिलाधिकारी कार्यालय अटैच कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार की शाम पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड की टीम ने महाराजगंज गांव में हिंसा के नामजद आरोपी अब्दुल हमीद सहित करीब 30 घरों की नापजोख की है। उनके अवैध होने व अतिक्रमण हटाने का नोटिस भी चस्पा की गई है।
सूत्रों के अनुसार, औपचारिकताएं पूरी कर शीघ्र गी इन घरों और दुकानों पर बुलडोजर की कार्रवाई की जा सकती है। सूत्रों का यह भी कहना है कि सबसे पहले कार्रवाई अब्दुल हमीद के घर पर हो सकती है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि नापजोख हुई है, जो अधिकारी नाप जोख करने आए थे उनका कहना था कि सड़क किनारे बने अब्दुल हमीद समेत कई मकान इस तरह अवैध बने हैं कि उनके कारण कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है, इन मकानों को गिराने की बात भी की जा रही थी। बता दें कि अब्दुल हमीद वही नामजद आरोपी है जिसके घर में बीते रविवार को रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या की गई थी। रामगोपाल की हत्या के बाद बहराइच जिले में कई जगह आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं थीं।
ये वो आरोपी हैं जिनके घर नोटिस चिपकाया गया है। 1.अब्दुल हमीद 2.मो. निसार अहमद 3.दिलशाद 4.रिहान 5.इरफान 6.हबीउल्लाह 7.अरमान 8.नदीम 9.आदिल 10.जावेद 11.असलम 12.रियाज 13.समी मोहम्मद 14.बकार 15.इरशाद 16.इमरान 17.जाहिद 18.दानिश 19.मसऊद अहमद 20.शरीफ 21.शमीउल्ला 22.राजू खां 23.हुसैन
क्या है पूरा मामला बहराइच की महसी तहसील के महराजगंज कस्बे में बीते रविवार शाम को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन शोभायात्रा में गाने को लेकर हुए विवाद के बाद दूसरे समुदाय के युवकों ने पथराव शुरू कर दिया। इससे दुर्गा प्रतिमा खंडित होने पर पूजा समिति के सदस्यों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया तो दूसरे समुदाय के लोगों ने रामगोपाल मिश्रा (24) की हत्या कर दी।
घटना का पूरे जिले में विरोध शुरू हो गया था। विसर्जन कमेटी के लोगों ने बहराइच-सीतापुर हाईवे पर चहलारी घाट पुल के पास जाम लगा प्रदर्शन शुरू कर दिया। बहराइच-लखनऊ हाईवे भी जाम कर दिया गया। पुलिस-प्रशासन की नाकामी से ही बहराइच में हिंसा भड़की। प्रतिमा विसर्जन के दिन सुरक्षा के इंतजाम नाकाफी थे।
हिंसा होने का कोई भी इनपुट नहीं था। हैरानी यह है कि सोमवार को दूसरे दिन भी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम करने में अफसर नाकाम साबित हुए। इसलिए दूसरे दिन बवाल, तोड़फोड़ और आगजनी हुई। पूरे मामले में पुलिस का खूफिया तंत्र फेल रहा। शहर में हर साल प्रतिमा विसर्जन होता है, जिसमें डीजे के साथ शोभायात्रा निकाली जाती है। ऐसे में पुलिस अफसरों की जिम्मेदारी थी कि वह सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करते। क्योंकि यात्रा का रूट पहले से ही तय होता है। लेकिन, बहराइच पुलिस और प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
यही वजह है कि जब बवाल शुरू हुआ तो पुलिस बल नाकाफी साबित हुआ। उपद्रवी हावी हो गए। उन्होंने जो चाहा वही किया। गोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी।
हिंसा में कुल 13 मुकदमे दर्ज हिंसा मामलें में कुल 12 मुकदमें दर्ज हुए थे, जिसमें से दस हरदी थाना में थे। इनमें 62 आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है, वहीं बृहस्पतिवार को पुलिस पर फायर कर भागने के मामले में नानपारा कोतवाली में दो आरोपियों पर जानलेवा हमला सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इससे अब कुल मुकदमों की संख्या 13 हो गई है।
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