आकाश की माँ दीपाली अपने बेटे को बचाने के लिए उसके ऊपर लेट गईं, लेकिन हमलावरों ने उन्हें भी मारा।
मुंबई की सड़कों पर एक परिवार के सपने टुकड़ों में बिखर गए। मलाड-ईस्ट में 12 अक्टूबर 2024 की शाम जब आकाश माईन अपनी पत्नी और माता-पिता के साथ दशहरा मनाने निकले थे, उन्हें क्या पता था कि यह उनकी आखिरी यात्रा होगी।
एक छोटी सी गलती, एक मामूली ओवरटेक और देखते ही देखते सबकुछ बदल गया। इस वीभत्स कहानी में क्रूरता, दर्द और एक परिवार का टूटता सपना है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आकाश जो महज 27 साल का था, अपने परिवार के साथ एक नई कार खरीदने की योजना बनाकर घर से निकला था। परिवार के लिए यह एक खुशी का दिन था। वे सपनों को साकार करने निकले थे, लेकिन सड़कों पर छिपे राक्षसों ने उनकी खुशी को मातम में बदल दिया। मलाड रेलवे स्टेशन के पास एक ऑटो ड्राइवर अविनाश कदम ने आकाश की बाइक को ओवरटेक कर दिया। कुछ ही पलों में बात इतनी बढ़ गई कि आकाश और ऑटो चालक अविनाश के बीच झगड़ा होने लगा। स्थानीय दुकानदार और अन्य ऑटो ड्राइवर भी इस झगड़े में कूद पड़े। इन लोगों की आँखों में कोई इंसानियत नहीं थी, सिर्फ बेरहमी थी।
जब आकाश को जमीन पर पटक दिया गया, तब उसकी माँ दीपाली माईन उसे बचाते हुए उसके ऊपर लेट गईं। वह अपने बेटे की ढाल बनकर उसे बचाने की कोशिश कर रही थीं। लेकिन इस भीड़ की बेरहमी इतनी बढ़ चुकी थी कि उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा। माँ को भी लातों से मारा गया। आकाश के पिता जो अपने बेटे को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, उनकी आँख पर चोट लगी। यह चोट इतनी गहरी थी कि उनकी बाईं आँख हमेशा के लिए खराब हो गई।
आकाश की पत्नी, जो गर्भवती थी, उस भयानक दृश्य को देखकर शारीरिक और मानसिक दोनों स्तरों पर टूट चुकी थी। इस क्रूर हमले के बाद उसका गर्भपात हो गया। एक खुशहाल परिवार, जो नई शुरुआत की ओर बढ़ रहा था, उसे सड़कों पर रौंद दिया गया।
आकाश पर तब तक वार किए गए जब तक कि उसकी साँसे थम नहीं गईं। उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन ट्रॉमा सेंटर में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह न सिर्फ एक व्यक्ति की हत्या थी, बल्कि एक पूरे परिवार के सपनों और भविष्य की भी निर्मम हत्या थी।
इस घटना का वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया। वीडियो में दिख रहा है कि कैसे एक माँ अपने बेटे के ऊपर लेटकर उसे बचाने की कोशिश कर रही है, लेकिन उन हैवानों का दिल नहीं पिघला। इस भयावह घटना ने हर किसी के दिल को झकझोर दिया।
मुंबई पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए नौ आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। दिंडोशी पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया और आरोपितों को 22 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। लेकिन क्या यह गिरफ्तारी आकाश के परिवार के घाव भर सकती है? उसकी माँ, जिसके दिल में हर रोज बेटे की चीखें गूँजती रहेंगी, क्या वो कभी उस दर्द से उबर पाएँगी? पिता, जो अपने बेटे की लाश को देख रहे थे, क्या कभी उस पल को भुला पाएँगे?
यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं है, यह समाज के उस हिस्से को उजागर करती है जहाँ इंसानियत मर चुकी है।
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