
अभिनेत्री कंगना रणौत के साथ महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार द्वारा किए गए व्यवहार का मामला मंगलवार को लोकसभा में गूंजा। मंडी लोकसभा क्षेत्र से दूसरी बार सांसद बने रामस्वरूप शर्मा ने मामला उठाते हुए कहा कि पिछले दिनों हिमाचल की बेटी अभिनेत्री कंगना रणौत के साथ जो व्यवहार महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार ने किया है उसकी मैं भर्तसना कर सदन का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। कंगना ने बॉलीवुड में अभिनेता सुशांत राजपूत की संदिग्ध मौत के बाद नशा माफिया के कनेक्शन पर सरकार का और पुलिस का ध्यान आकर्षित करना चाहा। बदले में उसे अशोभनीय गालियां दी गईं और उनका करोड़ों रुपए की लागत से निर्मित ऑफिस उनकी अनुपस्थिति में बदले की भावना से तोड़ दिया गया। यहां तक कि सत्ताधारी पार्टी ने उन्हें महाराष्ट्र से चले जाने तक की धमकी दी।
महाराष्ट्र सरकार ने बदले की भावना से ये काम किया है और ये इस बात को दर्शाता है कि कोई बाहर से आया व्यक्ति वहां अगर सफल होकर आवाज उठाता है तो उसके साथ वहां की सरकार कैसा सलूक करती है। इस बहादुर बेटी ने चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया और गत 9 सितम्बर को वह मनाली से मुम्बई पहुंची। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह का आभारी हूं कि उन्होंने तुरंत हालात को समझते हुए वाई क्षेणी की सुरक्षा प्रदान कर उसे अवांछनीय तत्वों की चुनौतियों का सामना करने के योग्य बनाया। हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी इस मुददे पर कंगना का पूरा साथ दिया और हर मोर्चे पर समर्थन कर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करवाई।
शिव सेना जो वास्तव में शिवाजी महाराज के आदर्शों पर चलने वाली व पूज्य बाला साहब ठाकरे के संरक्षण में बढ़ने वाली सेना नहीं रही। अब तो यह कांग्रेस सेना बन कर रह गई है जिसने महाराष्ट्र को अपनी निजी सम्पति समझ रखा है। इसी कारण कंगना जैसी मेधावी अभिनेत्री को अशोभनीय गालियां वरिष्ठ शिवसेना नेता द्वारा दी गई जो कि अति शर्मनाक है। कंगना रणौत बॉलीवुड की ऐसी अभिनेत्री हैं जिसने थोड़े ही समय में हिंदी सिनेमा जगत में अपनी पहचान खुद बनाई है। उसे हमारी सरकार के वक्त ही पद्मश्री से भी अलंकृत किया गया है। कंगना का केवल एक ही कसूर है कि उसने राष्ट्रवाद का अपना एजैंडा निर्भय होकर स्वीकार किया है। महाराष्ट्र सरकार के इस प्रयास की भरसक निंदा की जानी चाहिए क्योंकि इस प्रकार की कुंठित सोच देश के लिए हानिकारक हो सकती है।
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