
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही भी हंगामे के साथ शुरू हुई। सदन में तीसरे दिन भी काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा की मांग पर कांग्रेस विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी। नारेबाजी करते हुए वेल में बैठ गए। सदन में मुख्यमंत्री का जवाब पूरा होने के बाद विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया। वहीं सदन में ध्वनि मत से काम रोको प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया।
काम रोको प्रस्ताव पर ढाई दिन हुई चर्चा के जवाब के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष को आईना दिखाया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने कोरोना संकट के बीच भी अपनी ही पार्टी को लूट लिया। पार्टी आलाकमान को 12 करोड़ का बिल थमाया। इन्हें जरा भी शर्म नहीं आई। ये देश और प्रदेश क्या चलाएंगे, इन्होंने आपदा में भी लूट का अवसर ढूंढा। इनकी काली करतूतों को जनता की अदालत में ले जाएंगे। वहां चेहरे से नकाब उतर जाएगा। 2022 में कांग्रेस विधायकों की मौजूदा संख्या और सिकुड़ जाएगी। जनता इन्हें जरूर सजा देगी, इन्होंने शोर डालकर कार्यवाही बाधित की। लेकिन हमारी आवाज बुलंद है, ये बेशर्म लोग हैं। मेरी सरकार ने ढाई दिन तक एक ही विषय पर चर्चा की, जबकि दूसरे राज्यों में कहीं कहीं इतने समय तक सदन नहीं चला।
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