
हिमाचल में पंचायत चुनाव समय पर होंगे। पिछली बार दिसंबर महीने में चुनाव हुए थे। वीरवार को प्रश्नकाल के दौरान विधायक हीरालाल, इंद्र दत्त लखनपाल, विनय कुमार के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने नई पंचायतों के गठन के लिए ही संभव प्रयास किए। ऐसा जनगणना विभाग की अनुमति से संभव हुआ है। इनके गठन की प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी और पंचायत चुनाव के शेड्यूल की पालना होगी। पंद्रह वर्ष बाद नई पंचायतें बनी हैं।
पिछड़़ी पंचायतें कई विधानसभा क्षेत्रों में हैं। केवल सराज में नहीं है। सरकार ने इनके विभाजन के लिए नियमों में ढील राजनीतिक मकसद से नहीं, बल्कि लोगों की सहूलियत के हिसाब से दी है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री पर तंज कसा कि उनकी नजर मेरे ही विधानसभा क्षेत्र पर क्यों रहती है?
पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि पहले 2005 में पंचायतों का विभाजन हुआ था। तब 206 नई पंचायतें बनी थीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश पर नई पंचायतों के गठन के मापदंड तय किए। उन्होंने सदन में इन मापदंडों की भी जानकारी दी। मंत्री के मुताबिक 22 अगस्त पर आए प्रस्तावों में से 230 पंचायतों का गठन हुआ। इनमें से अंब की प्रतापपुर पंचायत को डिनोटिफाइ किया गया। इसके बाद 96 और पंचायतें बनाई गईं। लेकिन अब नई बनाने की ज्यादा संभावनाएं नहीं है। पंचायत चुनाव समय पर ही होंगे। इसे समय पर करवाने की संवैधानिक बाध्यता है। सरकार ने बिना किया भेदभाव के नई पंचायतों का गठन किया है।
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