बेरोजगार युवाओं के लिए एक और अच्छी खबर है। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना का दायरा बढ़ाते हुए अब और गतिविधियों को भी शामिल किया है। इसकी अधिसूचना जारी हो चुकी है। उपायुक्त विवेक भाटिया ने बताया कि अधिसूचना के अनुसार अब इस योजना में ई-रिक्शा, थ्री व्हीलर जैसे स्वरोजगार के व्यवसाय भी जुड़ चुके हैं। इतना ही नहीं, 10 लाख रुपये की कीमत तक के छोटे कमर्शियल वाहन पिकअप, फोर व्हीलर इत्यादि के अलावा मोबाइल फूड वैन भी शामिल की गई है। इन गतिविधियों के शामिल होने से बेरोजगार युवाओं के सामने स्वरोजगार के अब और विकल्प पैदा हो गए हैं।
विशेषकर छोटे कमर्शियल वाहनों के शामिल होने पर किसानों को भी विभिन्न उत्पादों को बाजार तक ले जाने में मदद मिलेगी। छोटी सड़कों से जुड़े दूरदराज के इलाकों तक भवन निर्माण सामग्री को पहुंचाना भी अब और आसान हो जाएगा। इसी तरह ई-रिक्शा और मोबाइल फूड वैन जैसी गतिविधियों से विशेषकर शहरी बेरोजगारों को बहुत बड़ा फायदा होगा।
योजना के तहत न केवल 25 से लेकर 35 प्रतिशत तक सबसिडी (अनुदान) बल्कि तीन वर्ष तक पांच प्रतिशत के हिसाब से ब्याज दर में भी छूट मिलेगी। राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए विधवा उद्यमियों के लिए अनुदान की राशि 35 प्रतिशत की है, ताकि वे भी स्वावलंबी बनकर आर्थिक स्थिति को मजबूत बना सकें।
मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना का ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू हो चुका है। वर्ष 2020-21 के अंतर्गत अब तक 39 मामले जिलास्तरीय कमेटी से स्वीकृत होने के बाद विभिन्न बैंकों को स्वीकृति के लिए भेजे जा चुके हैं। इनमें से 26 मामले विभिन्न बैंकों द्वारा स्वीकृत भी किए जा चुके हैं। इन उद्यमों में चार करोड़ का निवेश किया जा चुका है।
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