विधान सभा इंदौरा व फतेहपुर के मंड, अनोह व बडूखर क्षेत्र के आसपास की पंचायतों रियाली, भोग्रवां, बडूखर, टटवाली, रे, स्थाना, हटली नंगल आदि के किसान बेसहारा पशुओं से काफी परेशान हैं। उन्हें रात को ठीकरी पहरा देकर अपनी फसलों को एक तरफ बेसहारा पशुओं व दूसरी तरफ जंगली जानवरों से बचाना पड़ रहा है।
बावजूद इसके मौका देखकर ये बेसहारा पशु व जंगली जानवर किसानों की पूरे साल की मेहनत को कुछ ही मिनटों में चट कर जाते हैं। दिन के समय बंदरों की फौज इस ताक में रहती है कि किसान कब खेत से निकले और रात को जंगली सूअर व बेसहारा पशुओं ने नाक में दम कर रखा है। धीरे-धीरे इन्हीं वजहों से किसान अपनी जमीनों को बिना बुआई के ही छोड़ दे रहे हैं।
एक तरफ तो ये बेसहारा पशु किसानों के लिए सर दर्द हैं ही दूसरी तरफ क्षेत्र में दर्जनों ऐसी दुर्घटनाएं इन बेसहारा पशुओं के कारण हो चुकी हैं, जिससे वाहन चालकों की जान तक जोखिम में पड़ जाती है। दोपहिया वाहनों के लिए सड़क पर चलना अब खतरे से खाली नहीं। कई बार जानवरों को बचाने की खातिर खुद की जान खतरे में पड़ जाती है।
खटियाड से लेकर इंदौरा तक 45 किलोमीटर क्षेत्र में शाम होते ही बेसहारा पशु झुंडों में अक्सर सड़क के बीच सैकड़ों की तादात में जगह-जगह इकट्ठे होकर बैठ जाते हैं और रात के पहर किसानों के खेतों का रुख करते हैं और पल भर में कंटीली तारों के बीच से रेंगकर किसानों की बिजी गई फसल को मिनटों में चट कर जाते हैं।
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