वीरभद्र सिंह ने यहां जारी एक बयान में कहा कि आज देश के हालात चिंताजनक बन गए हैं। उन्होंने कहा है कि यह सब केंद्र सरकार के बगैर सोचे-समझे निर्णयों का ही परिणाम है कि आज एकतरफ देश महंगाई, बेरोजगारी जैसी ज्वलंत समस्याओं से जूझ रहा है, दूसरी तरफ नागरिकता संशोधन कानून के लागू होने से देश जल रहा है। वीरभद्र सिंह ने कहा है कि लोकतंत्र में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध-प्रदर्शन करने का सभी को अधिकार है।
ऐसे में इन विरोध-प्रदर्शनों पर पुलिस की कोई भी कार्रवाई सरकार की तानाशाही को ही प्रदर्शित करती है। उन्होंने कहा कि भाजपा देश के संविधान से खिलवाड़ कर रही है, जो कि देश के लिये कोई शुभ संकेत नहीं हैं। वीरभद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर पूरी तरह मौन है। देश की जीडीपी में भारी गिरावट से अर्थव्यवस्था भी चौपट होती जा रही है। उन्होंने कहा कि देश हित में नागरिकता संशोधन कानून पर पुनः विचार कर सभी राजनीतिक दलों के साथ विमर्श कर आम लोगों से भी राय ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी कानून में संशोधन जनहित में ही किया जाना चाहिए, न कि किसी भी द्वेषभाव या बदले की भावना से।
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